Akbar and birble
https://youtu.be/2-C08LhU5mM?si=y979L0K0itYSu5oZ बाबा भूत बुलैया एक बार राज्य में लोगों की लंबी कतार बाबा भूत बुलैया नाम के शख्स से मिलने उमड़ी थी। उनका दावा था कि वो किसी भी आत्मा से संपर्क कर सकते हैं। >> चिंता मत करो व। तुम्हारी पर पर दादी की आत्मा को हम अभी प्रकट करते हैं। बेटा सुरेश [संगीत] >> दादी आप हमका छोड़कर क्यों चली गई थी? >> नाटक मत कर। तू यह पूछने आया है ना कि मैंने सोने से भरे मटके को कहां छुपाया है? >> वो हां दरअसल वो भी तो है। >> बताती हूं। पर एक शर्त पर पहले तुम्हें 30 सोने के मोहरे पीपल के पेड़ के पीछे गाड़ने होंगे। अब जाओ। >> हां, ठीक है दादी। >> सुरेश तो वहां से चला गया। फिर एक-एक कर वहां लोग आते और अपने प्रियजनों की आत्मा से अपने मतलब की बात पूछकर चले जाते। धीरे-धीरे बाबा के किस्से पूरे राज्य में बेहद प्रसिद्ध होने लगे। अगले दिन महल के बाहर लंगर रखा गया था। वजह थी बादशाह के पिता बड़े बादशाह हुमायूं का जन्मदिन। >> अब्बा जान कितनी ही शहरत क्यों ना कमा लूं। पर आपकी कमी हमेशा खलेगी। याद है? हम जब छोटे थे हमारे जन्मदिन पर...